ईसा मिला मन बहन सासरा कती पाट गया चाला हे। बाबुल के घर रटया करू थी रोज राम की माला हे।
मेरी सासन तो इसी कलिहारी सारा दिन बा गाल बके।ये दिन काटो तो रात कटे ना साल बराबर रात लगे। क्यों ना फेरो माला ए बेबे मन पढ़ रहा से ढाला हे।बाबुल के घर रटया करूं थी रोज राम की माला हे।
ईसा मिला मन बहन सासरा कती पाट गया चाला हे। बाबुल के घर रटया करू थी रोज राम की माला हे।
मेरा ससुरा धन का लोभी किले बोबे अट्ठारह हे। कदी पाणी कदी ईख नुलाऊं गर्मी हो या स्याला हे।क्योंकर फेरूं माला ये बेबे मेरा छूट गया ढाला हे।बाबुल के घर रटया करूं थी रोज राम की माला हे।
ईसा मिला मन बहन सासरा कती पाट गया चाला हे। बाबुल के घर रटया करू थी रोज राम की माला हे।
मेरा जेठा ना काम करें मेरा देवर हो गया याना हे। छोटी नणदल गई सासरे हो गया मेरा जान के गाला हे।के बुझेगी मेरी ये बेबे मोटा हो रहा चाला हे।बाबुल के घर रटया करूं थी रोज राम की माला हे।
ईसा मिला मन बहन सासरा कती पाट गया चाला हे। बाबुल के घर रटया करू थी रोज राम की माला हे।
मेरा घर आला दारु पीवे ठेके ऊपर खड़ा रहवे। पीकर दारू टल्ली होकर भितरला में पड़ा रहवे।के बुझेगी मेरी ये बेबे ईसा मेरा घर आला हे।बाबुल के घर रटया करूं थी रोज राम की माला हे।
ईसा मिला मन बहन सासरा कती पाट गया चाला हे। बाबुल के घर रटया करू थी रोज राम की माला हे।