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विविध भजन

Bhajo re man raam govind hari,भजो रे मन राम गोविंद हरि

भजो रे मन राम गोविंद हरि

भजो रे मन राम गोविंद हरि भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि।



जप तप साधन कछु नहीं लागत जप तप साधन कछू नहीं लागत
खर्चत नहीं गठरी
भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि भजो रे मन राम गोविंद हरि।



संतत संपत सुख के कारण
संतत संपत सुख के कारण
जासे भूल परी भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि।



राम नाम को सुमिरन कर ले राम नाम को सुमिरनकरले सिर खड़ी।
भजो रे मन राम गोविंद हरि भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि।



कहत कबीर, कहत कबीर
सुनो भई साधो राम जा मुख नहीं कहत कबीर राम जा मुख नहीं कहत कबीर, कहत कबीर
वो मुख धूल परी
भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि
भजो रे मन राम गोविंद हरि भजो रे मन राम गोविंद हरि।

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