विनती सुनो ना सांवरे, दुखिया गरीब की, आया सुनाने दास्ताँ, बिगड़े नसीब की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की।
तर्ज- तेरे चलाये से चले नैया गरीब की
दुनिया से हार के प्रभु, तेरे दर पे आ गया हूँ, बीती है जो भी दिल पे, तुमको सुनाना रहा हूँ, चर्चा सुनी बड़ी प्रभु, तेरे दरबार की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की ।
आंसू बहाए है बहुत, झूठे जहाँ के आगे, शायद कदर मिले इन्हे, तेरे चरणों में बहा के, रख लो ना लाज सांवरे, मुझ बदनसीब की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की ।
तू है दयालु कर दया, अब अपने दास पर, क्यों चुप है तू भी सांवरे, ये मेरे हाल पर, मुझ पे नज़र तू डाल दे, अपने ही प्यार की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की ।
मिल जाए तुमसे भीख तो, अहसान होगा बाबा, मेरी जुबां पे हर घडी, तेरा नाम होगा बाबा, बाजी; बदल दो ‘राज’ के, बिगड़े नसीब की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की।
विनती सुनो ना सांवरे, दुखिया गरीब की, आया सुनाने दास्ताँ, बिगड़े नसीब की, विनती सुनो ना साँवरे, दुखिया गरीब की।