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विविध भजन

Siya ki sunau dropad ki sunau rukmani ki sunau sabko,सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,

सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,

तर्ज, हाय शरमाऊं किस किस को बताऊं

सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,कैसे हुई सगायियां।हो कैसे हुई सगायियां।

राम के संग में अर्जुन के संग में,कान्हा संग हुई शादियां।सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,कैसे हुई सगायियां।हो कैसे हुई सगायियां

सीता जी का रचा स्वयंवर, लक्षय था उनका धनुष तोडना। कोई नहीं तोड़ पाया राम जी ने तोड़ दिया, बज गई तालियां।

सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,कैसे हुई सगायियां।हो कैसे हुई सगायियां

द्रौपदी का हुवा स्वयंवर। लक्ष्य था उनका मछली की आंख भेदना। कोई नहीं भेद पाया अर्जुन ने भेद दीया। बज गई तालियां।

सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,कैसे हुई सगायियां।हो कैसे हुई सगायियां

रुकमणी जी का रचा स्वयंबर। लक्षय था उनका कृष्ण को वरना। कोई नहीं रोक पाया कृष्ण जी को वर दिया। बज गई तालियां।

सिया की सुनाऊं द्रोपद की सुनाऊं रुक्मणि की सुनाऊं सबको,कैसे हुई सगायियां।हो कैसे हुई सगायियां

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