(तर्ज : आओ जी आओ म्हारा हिवड़े रा…
ओढ़ों जी ओढो मैया तारां जड़ी चून्दड़ी, भगत उढ़ावे थाने ओढ़यां सरसी, ओsss चुनड़ी को मान बढ़ाया सरसी ।। टेर
चाव चढ्यो थो, मनड़े मांही, कद म्हारी दादी घर आसी, चून्दड़ली जद, सिर पे सजेली, हिवड़ो गद् गद हो जासी ।। १ ।।ओढ़ों जी ओढो मैया तारां जड़ी चून्दड़ी, भगत उढ़ावे थाने ओढ़यां सरसी, ओsss चुनड़ी को मान बढ़ाया सरसी ।। टेर
बड़ भागी म्हें, आंगणिये में, दादी जी का चरण पड्या, आज निहारे, झाँकी थारी, बेटा पोता खड्या खड्या ।। २ ।।ओढ़ों जी ओढो मैया तारां जड़ी चून्दड़ी, भगत उढ़ावे थाने ओढ़यां सरसी, ओsss चुनड़ी को मान बढ़ाया सरसी ।। टेर
टाबरियां की, प्रेम निशानी, ओढ्यां थाने आज सरे, झर-झर म्हारी, आँखड़ल्या सुँ, ‘हर्ष’ भवानी नीर झरे ।। ३ओढ़ों जी ओढो मैया तारां जड़ी चून्दड़ी, भगत उढ़ावे थाने ओढ़यां सरसी, ओsss चुनड़ी को मान बढ़ाया सरसी ।। टेर