तर्ज- मेरे रश्के कमर
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा,
तू मुझपे करम,नजरे भूले से मेरी, उठे जिस तरफ,अपनी रहमत का करदे, कर लूँ दीदार तेरा हो, शेरावाली मेरी मां भवानी जरा, अपनी रहमत का करदे, तू मुझपे करम ।।
तू बुला ना बुला,माँ मैं आता रहूं, सिलसिला उम्र भर ये,निभाता रहूं,दूर चौखट से तेरी,ना जाऊँ कहीं,प्यास आँखों की, अपनी बुझाता रहूं,
शेरावाली मेरी मां भवानी जरा अपनी रहमत का करदे, तू मुझपे करम ।।
मेरे अपनों ने मुझको, ना कुछ भी दिया, छीन ली हर ख़ुशी, मुझको ठुकरा दिया, आरजू है यही बस, मेरे दिल की माँ, माँ मेरा ये दम, शेरावाली मेरी मां भवानी जरा, अपनी रहमत का करदे, तू मुझपे करम ।।
तेरे चरणों में निकले,कर मेहर दास पर, माँ तू इनती दया, अपने चरणों की, सेवा में मुझको लगा, तू है करुणामई, तू है ममतामई, नाम का तेरे, गुणगान गाते है हम, शेरावाली मेरी मां भवानी जरा, अपनी रहमत का करदे, तू मुझपे करम ।।
शेरावाली मेरी माँ भवानी जरा, अपनी रहमत का करदे, तू मुझपे करम, नजरे भूले से मेरी, उठे जिस तरफ, कर लूँ दीदार तेरा हो, शेरावाली मेरी मां भवानी जरा, अपनी रहमत का करदे,इतना करम, तूं मुझपे करम।