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विविध भजन

Lelyo ji lelyo the lelyo hari ko naam,लेल्योजी लेल्योजी थे लेल्यो हरि को नाम

लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥

लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥
मैं व्योपारी राम-नाम का, प्रेमनगर है गाम॥


मैं प्रेमनगर से आया, हरि नाम का सौदा ल्याया॥
च्यार खूँट में चली दलाली, आढ़त चारुँ धाम।लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


सोना-चाँदी कछु नहीं लेता, माल मोफत में ऐसे ही देता।
नाम हरि अनमोल रतन है, कौड़ी लगे न दाम।लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


बाट तराजू कछु नहीं भाई, मोलतोल उसका कछु नाहीं।
करल्यो सौदा सत-संगत का, टोटे का नहीं काम।लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


राम-नामका खुल्या खजान, कूद पड्या नर चतुर सुजान।
सुगरा-सेन तुरत पहिचाने, नुगरे का नहीं काम।लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


पाँचु की परतीत न कीजे, नाम हरि का निर्भय लीजे।
मगन होय हरिके गुन गावो, भजल्यो सीताराम॥लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


सस्ता माल नफा है भारी, सहस्त्रगुनी देव साहूकारी।
करल्यो सुरता राम भजन में, मिल जाय राधेश्याम॥लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥


नाम हरि अनमोल रतन है, सब धन से यह ऊँचा धन है।
कह गिरधारीलाल और धन, मिथ्या जान तमाम॥लेल्योजी लेल्योजी थे, लेल्यो हरि को नाम॥

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