मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।
पुण्य तेरा बड़े, जब सत्संग मिले,
राम रहमत करे तब सतगुरु मिले ।
इस रीति से रब को रीझा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।
तन जिसने दिया उसका मालिक वही,
तू मुफ्त में रहे नाम जपता नहीं ।
कुछ किराया ही इसका चुका ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।
कौन धड़कन ये दिल की चलाये रे मन,
कौन नाड़ी में रक्त बनाये रे मन ।
उस दाता का शुक्र मना ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।
जग रिझाने में जीवन गवाना नहीं,
एक पल भी प्रभु को भुलाना नहीं ।
श्री सदगुरु को तू ही रीझा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।
धन अनीति का सुख तुझको देगा नहीं,
चोट कुदरत की तू सह सकेगा नहीं।
अब भी मौका है खुद को को बचा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।मन हरि ॐ हरि ॐ गा ले,
नाम जपने की आदत बना ले ।