ये करुणा क्यों करी, जरा इतना बता दो हरि।
कौन सी बात पे राजी भए तुम, कौन सी बात पे राजी भए तुम, उर गृह कंठ धरी, ये करुणा क्यो करी,जरा इतना बता दो हरि।
नहीं कोई लक्षण साधु संत के, नहीं कोई लक्षण साधु संत के, फिर क्यो मांग भरी, ये करुणा क्यों करी, जरा इतना बता दो हरि।
अवगुण अनेके गुण नहीं ऐके, अवगुण अनेके गुण नहीं ऐके, फिर क्यों चित्त धरी,जरा इतना बता दो हरि।
कुछ नहीं मांगू सबकुछ पाई, कुछ नहीं मांगू सबकुछ पाई, तूल जा काहे वरी ये करुणा क्यो करी, जरा इतना बता दो हरि।
ये करुणा क्यों करी,जरा इतना बता दो हरि।