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विविध भजन

Pad gaye jhule sawan rut aayi re,पड़ गए झूले सावन रुत आई रेपड़ गए झूले,

पड़ गए झूले सावन रुत आई रे
पड़ गए झूले

पड़ गए झूले सावन रुत आई रे
पड़ गए झूले
सीने में हूक उठे अल्लाह दुहायी रे
पड़ गए झूले सावन रुत आई रे
पड़ गए झूले।



चंचल झोंके मुंह को चूमे
बुँदे तन से खेले
पेंग बढे तोह झुकाते बदल
पाँव का चुम्बन ले ले
पाँव का चुम्बन ले ले
पेंग बढे तोह झुकाते बदल
पाँव का चुम्बन ले ले
हमको न भये सखि ऐसी ढिटाई रे
पड़ गए झूले सावन रुत आई रे
पड़ गए झूले।

चंचल झोंके मुँह को चूमे,
बूँदे तन से खेलें, बूँदे तन से खेलें
पेंग बढ़े तोह झुकते बादल,
पाँव का चुंबन ले ले
पाँव का चुंबन ले ले
पेंग बढ़े तोह झुकते बादल,
पाँव का चुंबन ले ले
हमको ना भाए सखी ऐसी धितायी रे
पड़ गये झूले सावन रूट आयी रे,
पड़ गये झूले।



बरखा की वो जोर जवानी
क्या क्या आफत धाये
क्या क्या आफत धायेदिल की धड़कन जिस्म की रंगत
आँचल से छआँ जाये
आँचल से छआँ जाये
दिल की धड़कन जिस्म की रंगत
आँचल से छआँ जाये
आँखों के आगे लुटे अपनाई कमाई
पड़ गये झूले सावन रूट आयी रे,
पड़ गये झूले।



गीतों का यह अलहाड मौसम,
झूलो का यह मेला, झूलो का यह मेला
ऐसी रूट मे हमें झूलने,
आये कोई अल्बेले, आये कोई अल्बेले
ऐसी रूट मे हमें झूलने, आये कोई अल्बेले
थामे तोह छोड़े नहीं नाजुक कलाई रे
पड़ गये झूले सावन रूट आयी रे,
पड़ गये झूले
सीने मे हुक उठे इल्लाह दुहाई रे
पड़ गये झूले सावन रूट आयी रे.
पड़ गये झूल।

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