तर्ज- आँखों में नींदे ना दिल में
भावों का तेरे, जो दिल में अभाव, कैसे हो तेरा प्रभु से लगाव, प्रभु से मिलन का, नहीं तुझको चाव कैसे हों तेरा प्रभु से लगाव।
श्याम तेरे पास खड़ा दूर नहीं है, कैसे दिखे ध्यान तेरा और कहीं है, ना तुझे पता ना तुझे खबर, हंस रहा है श्याम तेरे हाल पर, झूठी दुनियादारी में तेरा है झुकाव, भावों का तेरे, जो दिल में अभाव, कैसे हों तेरा प्रभु से लगाव।
जीवन खपा रहा है तू अपना जिन्हे समझ, कोई ना काम आए मोह इनका तज, कोई ना तेरे है ये सब लुटेरे है, तुम गौर से देखो ये तुझको घेरे है, ऐसे रिश्ते नातों से तेरा है जुड़ाव, भावों का तेरे, जो दिल में अभाव, कैसे हों तेरा प्रभु से लगाव।
श्याम से तू प्यार कर प्यार मिले श्याम का, बोल उठे श्याम बाबा आदमी है काम है, श्याम नाम में शक्ति है प्रबल, श्याम कृपा से दिन जाएंगे बदल, ‘बिन्नू’ तू देख मेरे श्याम का प्रभाव, भावों का तेरे, जो दिल में अभाव, कैसे हों तेरा प्रभु से लगाव।
भावों का तेरे, जो दिल में अभाव, कैसे हो तेरा प्रभु से लगाव, प्रभु से मिलन का, नहीं तुझको चाव, कैसे हों तेरा प्रभु से लगाव।