तर्ज- मेरे सिर पर रख दो
थे सुन लो सब नर नारी, कहु गौमाता री बात, जन्म जन्म मत छोडियो, गौमाता रो साथ, जन्म जन्म मत छोङियो, गौमाता रो साथ ।।
दूध पिला बलवान बनाया, अपना फर्ज निभाया है, मां की ममता धर्म की सत्ता, पग पग पर यह छाया है, क्यों भूल गए गैया को, रोती फिरे गऊ मात, जन्म जन्म मत छोङियो, गौमाता रो साथ ।।
सुना है हमने गौमाता से, हिंदू धर्म हमारा है, अपने धर्म को डुबोने खातिर, पग पग काल पसारा है, जरा दया करो थे मुझ पर, थे गोपाला गौ नाथ, जन्म जन्म मत छोङियो, गौमाता रो साथ ।।
पाला है हमको सकल जहां में, पर लोक को तारेगी, एक गाय तुम घर में पालो, बिगड़ी तेरी बन जाएगी, कुत्तों को घर में जगह दी, रोती फिरे गौ मात, जन्म जन्म मत छोडियो, गौमाता रो साथ ।।
गांव जैसलसर बजरंग कच्छावा, गौ तेरा गुण गावे है, ममता कच्छावा गौ माता को, झुककर शीश नवावे है, अब सुनो सकल नर नारी, अब सब ही निभावो साथ, जन्म जन्म मत छोङियो, गौमाता रो साथ ।।
थे सुन लो सब नर नारी, कहु गौमाता री बात, जन्म जन्म मत छोडियो, गौमाता रो साथ, जन्म जन्म मत छोङियो, गौमाता रो साथ ।।