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Shree babosa tera darwar mere man ko lubhata hai,श्री बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है,

श्री बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है,

श्री बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है, तेरी छवि देखके मुझको, चैन आता है, श्रीं बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है ।।



तेरे मुख पे बरसे नूर, अखियों में अमीरस धार, देखके चाँद भी शरमाये, क्या खूब सजा है दातार, तेरे मुकुट में हीरा लाल, दिव्य तेज है चमके भाल, मेरा बाबोसा घोटे वाला, ये माँ छगनी का लाल, तेरी लूँ मैं नजर उतार, श्रीं बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है ।।

तेरा दिव्य स्वरूप का बाबा, कैसे करू में बखान, जब जब भी देखे तुझको, रहे न मुझको कोई भान, मेरे तुमसे जुड़े ये तार, तुझे दिल मे लूँ में उतार, तेरा भक्त ये ‘दिलबर’, तुझे हरपल रहा निहार, तेरी लूँ में नजर उतार, श्रीं बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है ।।



श्री बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है, तेरी छवि देखके मुझको, चैन आता है, श्रीं बाबोसा तेरा दरबार, मेरे मन को लुभाता है ।।

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