देवता बरगा रूप रे भगतो, बनभौरी मैं आरया सै, रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै ।।
सादा रहना सादा बाणा, ऊतम नेक विचार दखे, भगति भाव और तन मन तै, करते सै प्रचार देखै, है कोए अवतार देखे, यो सबके मन को भारया सै, रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै ।।
मात भ्रामरी मईया की यो, सेवा करै दिन राती सै, गरीब यतीम और दिन दुखी का, बणता यो हिमाती सै, दिये की जणो बाती सै, जग मैं प्रकाश फैला रया सै, रामनिवास पजारी हमने रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै ।।
एक भेंट हो जयावै जिसकी, वो थकता ना गुण गाता है, जीवन के में आनन्द वो पावै, आशीर्वाद जो पाता है, मार्ग सही दिखाता है, और सबनै गले लगारया सै, रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै।।
रमेश कौशिक कर्मा करकै, तनै भाई रूप मैं पाया सै, गुरू सतबीर सिंह के चरणां, तनै दिल तै शीश झुकाया सै, ‘बन्टी गर्ग’ नै ध्यान लगाया सै, और मां महीमा गारया सै, रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै ।।
देवता बरगा रूप रे भगतो, बनभौरी मैं आरया सै, रामनिवास पुजारी हमनै, बड़े भाग तै पारया सै ।।