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विविध भजन

Churu wale chale aao kaha ho,चुरू वाले चले आओ कहाँ हो,

चुरू वाले चले आओ कहाँ हो,

तर्ज – अकेले है चले आओ



चुरू वाले चले आओ कहाँ हो,
सुनलो आवाज ओ बाबा जहाँ हो,
चुरू वाले चले…..



तुम्हे सब कुछ पता है, मेरी क्या ये खता है,
मैं हारा हूँ जहाँ से न मिलता रास्ता है,
चुरू वाले चले…..



दिल मे है जो जख्म ओर गम, लगादो उस पे मरहम,
अगर तुम न सुनोगे तो, कहाँ जाये बता हम,
चुरू वाले चले…..



तुम्हे दिल मे बसाकर, देव “दिलबर” ने रखा,
कोई तेरे सिवा न, हमपे बाबा रहम कर,
चुरू वाले चले…..

चुरू वाले चले आओ कहाँ हो,
सुनलो आवाज ओ बाबा जहाँ हो,
चुरू वाले चले…..

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