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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Aaya sawan suhana hai shiv ke ghar jana hai,आया सावन सुहाना है शिव के घर जाना है,shiv bhajan

आया सावन सुहाना है शिव के घर जाना है,

आया सावन सुहाना है शिव के घर जाना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..



नहीं देखा में उसको नहीं देखा वो मुझको,
फिर भी मन ये माने महादेव सदा उसको,
में ऐसे समझता हूँ सब साथ पुराना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..



कहते हैं सब मुझको भोला भंडारी है,
जो शरण पड़ा उसकी हर विपदा टाली है,
ऐसे में पाऊँ तुम्हें होकर में दीवाना,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..



गल में सोहे इनके सर्पों की माला है,
रहता है मस्त सदा पिए भंग का प्याला है,
मस्तक चंदा सोहे कहता ये ज़माना है,
कोई दे दो रे ठिकाना, मुझे कावड़ चढ़ाना है,
हरी ॐ नमः शिवाय, हरी ॐ नमः शिवाय…..

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