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विविध भजन

Mata aur pita me hi bhagwan hai,माता और पिता में ही भगवान है,

माता और पिता में ही भगवान है,

तर्ज- दूल्हे का सेहरा

माता और पिता में ही भगवान है, इनसे होती ईश्वर की पहचान है, मैया हमको जन्म देकर पालती, और पिता का जीवन पर एहसान है, माता और पिता में ही भगवान हैं, इनसे होती ईश्वर की पहचान है।



घोलकर ममता पिलाती दूध में माता, थामकर उंगली पिता चलना है सिखलाता, इनके चरणों में जन्नत की बात है, इनसे होती ईश्वर की पहचान है, माता और पिता मे ही भगवान हैं, इनसे होती ईश्वर की पहचान है ।

त्यागकर अपनी खुशी हमको हंसाते है, खुद रहे भूखे मगर हमको खिलाते है, इनसे बढ़कर कोई ना दयावान है, इनसे होती ईश्वर की पहचान है, माता और पिता मे ही भगवान हैं, इनसे होती ईश्वर की पहचान है।



हर मुसीबत से दुआ इनकी बचाती है, हो दया इनकी तो मंजिल पास आती है, हृदय में बस धरलो इनका ध्यान है, इनसे होती ईश्वर की पहचान है, माता और पिता मे ही भगवान हैं, इनसे होती ईश्वर की पहचान है।

माता और पिता में ही भगवान है, इनसे होती ईश्वर की पहचान है, मैया हमको जन्म देकर पालती, और पिता का जीवन पर एहसान है, माता और पिता में ही भगवान हैं, इनसे होती ईश्वर की पहचान है।

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