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Jodhana nagri me mhari aayi mata ro dham re,जोधाणा नगरी में म्हारी, आई माता रो धाम रे,

जोधाणा नगरी में म्हारी, आई माता रो धाम रे,

जोधाणा नगरी में म्हारी, आई माता रो धाम रे, नगर बिलाड़ो अति पावन, लागे स्वर्ग समान रे, अरे भादवो महीनों आवे, मन में उमंग अपार रे, अरे बीज रो दिवस आवे, हर्षे नर ने नार रे ।।



अरे लुलतो लुलतो आवे सीरवी, नगर बिलाड़ा मायने, भगतो ने मैया दर्शन दीजो, आया थारे द्वार पे, अरे ढोल नगाड़ा नोपत बाजे, नगर बिलाड़ा मायने, सांझ सवेरे आरतियां मे, होवे जय जयकार रे ।।

अरे धोली धोती अंगरकी ने, चुटियो सोवे हाथ में, अरे पंखी रा तो झाला देवे, नाचे गेरीया जोर रे, हाथ पुरुष और गले लुगायां, बांधो आईजी री बैल रे, ग्यारह गांठ रा नियम थे पालो, घर में आनंद हो जाय रे ।।



अरे जगमग जगमग ज्योता जागे, नगर बिलाड़ा मायने, टप टप टप टप केसर टपके, अखण्ड ज्योति रे मायने, अरे बैल री असवारी सोवे मैया, मूरत मनडे भाय रे, अरे आई पंथ री ध्वजा लहरावे, इन कलयुग रे मायने, अरे वर्तमान में आई पंथ रा, माधव सिंह जी दीवान रे।।

अरे ‘मनीष सीरवी’ शरन आपरी, राखो चरना माय ने, ‘दिपिका’ ने चरना राखो, राखो सिर पर हाथ रे, अरे ‘राज वैष्णव’ मैया थारे, चरना शिश निवाय रे, ‘प्रियंका चौहान’ मैया, चरना शिश निवाय रे,




जोधाणा नगरी में म्हारी, आई माता रो धाम रे, नगर बिलाड़ो अति पावन, लागे स्वर्ग समान रे, अरे भादवो महीनों आवे, मन में उमंग अपार रे, अरे बीज रो दिवस आवे, हर्षे नर ने नार रे ।।

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