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विविध भजन

Ye kaisi lagan tumne hari hamko laga li hai,ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है

ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है।

ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है। घर बार तो क्या चीज है सारी दुनिया लुटा ली है।



हरि नाम के लेने से मस्ती ही मस्ती है। कुछ हमने पी ली है कुछ तुम ने पिलाई है।ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है। घर बार तो क्या चीज है सारी दुनिया लुटा ली है।



ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है।



तेरे लिए कान्हा मैं वृंदावन आई हूं।ओ मैंने प्रेम की यमुना में डुबकी लगा ली है। ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है।ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है। घर बार तो क्या चीज है सारी दुनिया लुटा ली है।



होली में राधा जी पागल हो जाती है। ओ मैंने अपनी चुनरिया को तेरे रंग में भिगो ली है। ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है।ये कैसी लगन तुमने हरी हमको लगा ली है। घर बार तो क्या चीज है सारी दुनिया लुटा ली है।

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