तर्ज- गंगा तेरा पानी अमृत
बाबा सांसो की माला, अब है तेरे हवाले, तू चाहे तो तोड़ दे इसको, तू चाहे तो बचाये, बाबा साँसो की माला, अब है तेरे हवाले।।
तूने ही तो इस माला में, एक एक मनका पिरोया, उजड़े जीवन को बाबा, हाथों से अपने संजोया, तेरे हाथों छोड़ दी डोरी, तू ही इसे संभाले, बाबा साँसो की माला, अब है तेरे हवाले।।
साँसों की ये नैया बाबा, चलती तेरे इशारे, जब तक तू है नाव का माझी, मिलते रहेंगे किनारे, बिन पतवार के तू ही बाबा, भव से नाव निकाले, बाबा साँसो की माला, अब है तेरे हवाले।।
साँसों का तो क्या है भरोसा, कब आये कब जाए, तेरे भरोसे जीवन बाबा, तू ही इसे बनाये, ‘आरती शर्मा’ की साँसों में, श्याम ही श्याम समाये, बाबा साँसो की माला, अब है तेरे हवाले।
बाबा सांसो की माला, अब है तेरे हवाले, तू चाहे तो तोड़ दे इसको, तू चाहे तो बचाये, बाबा साँसो की माला, अब है तेरे हवाले।।