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विविध भजन

Sur ki gati me kya janu ek bhajan karna janu,सुर की गति मैं क्या जानूँ एक भजन करना जानूँ

सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..

सुर की गति मैं
सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..
अर्थ भजन का भी अति गहरा
उस को भी मैं क्या जानूँ ..
प्रभु प्रभु प्रभु कहना जानूँ
नैना जल भरना जानूँ ..



गुण गाये प्रभु न्याय न छोड़े
फिर तुम क्यों गुण गाते हो
मैं बोला मैं प्रेम दीवाना
इतनी बातें क्या जानूँ ..
प्रभु प्रभु प्रभु कहना जानूँ
नैना जल भरना जानूँ ..सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..



फुल्वारी के फूल फूल के
किस्के गुन नित गाते हैं .
जब पूछा क्या कुछ पाते हो
बोल उठे मैं क्या जानूँ ..
प्रभु प्रभु प्रभु कहना जानूँ
नैना जल भरना जानूँ ..सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..

सुर की गति मैं
सुर की गति मैं क्या जानूँ .
एक भजन करना जानूँ ..
अर्थ भजन का भी अति गहरा
उस को भी मैं क्या जानूँ ..
प्रभु प्रभु प्रभु कहना जानूँ
नैना जल भरना जानूँ ..

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