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विविध भजन

Lakh karo koshish jata hua waqt na rukta hai,लाख करो कोशिश जाता हुआ, वक्त ना रुकता है,

लाख करो कोशिश जाता हुआ, वक्त ना रुकता है,

लाख करो कोशिश जाता हुआ, वक्त ना रुकता है, अहंकार जिस दिल में भरा हो, सर नहीं झुकता है, लाख करो कोशीश जाता हुआ, वक्त ना रुकता है।



ज्ञान उतर जाए जिस दिल में,
है पहचान वही, ज्ञान उतर जाए जिस दिल में, है पहचान वही, फल आए जब पेड़ में देखो, अहंकार जिस दिल में भरा हो, सर नहीं झुकता है, लाख करो कोशीश जाता हुआ,पेड़ भी झुकता है,वक्त ना रुकता है।

जगत को जान लिया है जिसने, झटपट कूच किया, जगत को जान लिया है जिसने, झटपट कूच किया, लाख आकर्षण हो दुनिया में, वो नहीं रुकता है, अहंकार जिस दिल में भरा हो, सर नहीं झुकता है, लाख करो कोशीश जाता हुआ,वक्त ना रुकता है।

माना भीगते बारिश में तुम, पेड़ लगाते हो, माना भीगते बारिश में तुम, पेड़ लगाते हो, लेकिन सुन्दर फल लगने में, वक्त तो लगता है, अहंकार जिस दिल में भरा हो, सर नहीं झुकता है,
लाख करो कोशीश जाता हुआ,वक्त ना रुकता है।



लाख करो कोशिश जाता हुआ, वक्त ना रुकता है, अहंकार जिस दिल में भरा हो, सर नहीं झुकता है, लाख करो कोशीश जाता हुआ,
वक्त ना रुकता है।

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