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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Sun sun ho mhari kaya o ladli,सुण सुण हो,म्हारी काया ओ लाड़ली,आत्मा में दाग़ लगाजे मति,

सुण सुण हो,
म्हारी काया ओ लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,

सुण सुण हो,
म्हारी काया ओ लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।



या काया थारी सोना वरणी,
सोना में खोट मिलाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।



या काया थारी हंसा वरणी,
हंसा ने बगुलों बनाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।



या काया थारी, कोयल वरणी,
कोयल काग बनाजे मति,
कुसंगत में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।



कहत कबीर सा, सुण म्हारी काया,
आवागमन में आईजे मति,
कुसंगत में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।

सुण सुण हो,
म्हारी काया ओ लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति,
सुण सुण म्हारी काया लाड़ली,
आत्मा में दाग़ लगाजे मति,
कुसंग में ज्याजे मति।

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