तर्ज अहसान मेरे दिल पे
कर्जा तुम्हारा साँवरे, उतारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं।
तेरी ही कैद में मुझे, रहना है सांवरे, गम दे या ख़ुशी दे, यही रहना है सांवरे, कैसी रहेगी जिंदगी, विचारना नहीं, बिन आपके ये जीवन,
गुजारना नहीं,
गम दे या ख़ुशी दें, यही रहना है सांवरे, कैसी रहेगी जिंदगी, विचारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं।
कर्जा उतारकर के, जो आजाद हो गया, हमने नहीं सुना की, वो आबाद हो गया, तेरे सिवा किसी को, निहारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं ।
कर्जा नहीं करना,तू कभी माफ़ सांवरे, कुछ कर्जदार भी है, तेरे ख़ास सांवरे, चरणों में पड़ा रहना दो, दुत्कारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं।
तकाजा करना मुझसे, कभी छोड़ना नहीं, मिलेंगे इसी बहाने से, दिल तोडना नहीं, ‘पप्पू शर्मा’ अहम को कभी, उभारना नही,बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं।
कर्जा तुम्हारा साँवरे, उतारना नहीं, बिन आपके ये जीवन, गुजारना नहीं।