धन अंबे जोगणिया रानी, थारी महिमा जग में जानी, थाने ऋषि मुनि पहचानी, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
माता खुब करू मनवार, लज्जा मोरी राख जो, मां सिंह री असवार।
धन अम्बे जोगणिया रानी, थारी महिमा जग में जानी, थाने ऋषि मुनि पहचानी, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
मन्दिर मज मगरा रे माई, जारी शोभा घणी मां प्यारी, थाने वैदा में मनाणी, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया, ओ सन मुख भैरू है अगवानी, बणीया दोय कुण्ड बड़ा नामी, बैवे नार मुखी छै पानी, औ माता जोगणिया ।।
बणीयो बैखू टो छै भाई, अरजी छोटी सी सुनाई, मैं तो पडीयो चरण रे माई, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया, अर्जी छोटी सी सुन लीजे, कीरपा बाजडली पर कीजै, मारी खाली गोद भर दीजे, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
पुत जब देदीनो है माय, बाणीयो मन में खुसी मनावे, माता रे बली चढा वण आवे, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया, पाडो भुरको तो भर लायो, खड्ग ले मारवा ने आयो, ले पाडो मगरा में भगायो, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
खड़ग ले मंदिर बाहर आई, ठोकर भैरू के लगाई, बेठो अरविंद पल रै माई, ओ माता जोगणिया, जो कोई सांचा मन सु ध्यावे, जा रे दौड़ी दौड़ी आवे, जारा बिगडीया काम सुधारें, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
कवि तो राम पाल जस गाई, अर्जी छोटी सी म गाई, ‘मू रेवे भिलोडा रे माई, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।
धन अंबे जोगणिया रानी, थारी महिमा जग में जानी, थाने ऋषि मुनि पहचानी, ओ माता जोगणिया, ओ माता जोगणिया ।।