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श्याम भजन लिरिक्स

Musibat me sathi shyam sarkar tha aaj bhi hai aur kal bhi rahega,मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,आज भी है और कल भी रहेगा,shyam bhajan

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..





मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..



लाचार था टुकड़ों को मैं दर दर फिरता मारा मारा,
जिनको अपना समझा सभी अपनों ने किया किनारा,
श्याम पे भरोसा मेरा तब भी बरकरार था, तब भी बरकरार था,
आज भी है और कल भी रहेगा….

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..



जीएवं नैया मेरी भवर में खाये डगमग डोले,
बड़ी दूर किनारा था फांसी लहरों में खाये हिचकोले,
एक ही सहारा श्याम नाम पतवार था, नाम पतवार था,
आज भी है और कल भी रहेगा….

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..



जब बाबा कृपा करें अमावस बन जाए पूरणमासी,
दर्शन की आस लिए श्याम दर खड़ा कृष्ण बृजवासी,
तेरा गुणगान मेरा यही कारोबार था, यहॉ कारोबार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..

मुसीबत में साथी श्याम सरकार था, श्याम सरकार था,
आज भी है और कल भी रहेगा…..

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