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विविध भजन

Madhaiya meri aisi chabaiyo ghanshyam,मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम,

मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम

मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।




हरिद्वार दरवाजो होवे ऋषिकेश जैसे आंगन होवे
लहर लहर गंगा होए
मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।



बेला होए चमेला होवे दौना को एक मरुआ होवे
लहर लहर तुलसा होए
मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।



भोले बाबा को मंदिर होवे राधाकृष्ण को मंदिर होवे
जगदम्बा को मंदिर होवे हनुमान जी को मंदिर होवे
पूजा करूं सुबह शाम
मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।



ऋषि मेरे आंगन आवैं सतगुरु जी मेरे आंगन आवैं
ऋषि मुनि की वाणी होवे सत्संगत मेरे आंगन होवे
सत्संग सुनूं सुबह शाम
मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।

मढैया मेरी ऐसी छबाइयो घनश्याम
ऐसी मढैया सब काऊ की होए।

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