अकेला बालाजी अकेलो बजरंगी, सौ सौ सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।
रामचंद्र से आज्ञा पाकर, गढ़ लंका में जावे, माता सीता का पता लगाकर, भारी उदम मचावे, सो सो सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।
मेघनाथ तो बाला ने, बांध सभा में लावे, रावण का दरबार में बालों, मन ही मन मुस्कावे, सो सो सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।
बड़ा बड़ा यह सूरवीर जो, रावण ने समझावे, पूंछ में आग लगाकर बालों, लंका ने जलावे, सो सो सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।
रामदूत बजरंगबली का, भक्त मंडल जस गावे, निज चरणों में चाकर राखो, चरणों में सुख पावे, सो सो सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।
अकेला बालाजी अकेलो बजरंगी, सौ सौ सूरमा का बीच में, अकेलो बालाजी।।