तर्ज – हाल क्या दिलों का न पूछो सनम
पास कुछ भी नहीं है, खोने को श्याम, मैं हूँ मेरा है बस हौंसला ही बचा, तेरे चरणों में आई हूँ थक हार के, मुझको तेरा ही बाबा सहारा बचा, पास कुछ भी नही है खोने को श्याम ।।
मेरे वाणी में बाबा वो दम ही कहाँ, जिससे तेरी कृपा को करूँ मैं बयां, दर पे आना ही मेरी किस्मत है श्याम, तेरा दर ही ठिकाना मेरा हो गया, पास कुछ भी नही है खोने को श्याम ।।
मेरी इच्छा से तेरी परीक्षा बड़ी, मुझमे हिम्मत नहीं की रहूं मैं खड़ी, हार भी मेरी तुम हो जीत भी तुम, हारे को है सहारा तेरा बचा, पास कुछ भी नही है खोने को श्याम
पास कुछ भी नहीं है, खोने को श्याम, मैं हूँ मेरा है बस हौंसला ही बचा, तेरे चरणों में आई हूँ थक हार के, मुझको तेरा ही बाबा सहारा बचा, पास कुछ भी नही है खोने को श्याम ।।