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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Ek man ki baat batau me thare charna shish jhukau me,एक मन कि बात बताऊ मै, थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै,guru bhajan

एक मन कि बात बताऊ मै, थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै,



तर्ज – तू पागल प्रेमी आवारा

एक मन कि बात बताऊ मै, थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै, मैंने रख लो अपने पास सतगुरु जी, थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी ।।



जो कह दे वो काम करू, ना उल्टे कदम हटाऊँ, बैठे बैठे हुकुम दियो, मैं सारे हुकम पुगाऊ, थारी सारी सेवा ठाउँ मै, थारा रज रज शुक्र मनाऊ मै, मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी, थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी ।।

सतगुरु जी थारा सत्संग सुन क, आनंद काया होज्या, सतगुरु जी की शरण रह जो, सारे तिर्थ नहजया, थारे ज्ञान सरोवर नहाऊं मै, मल मल क गोते लाऊ मैं, मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी, थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी ।।

सतगुरु अनिल स्वामी जी, थारी अजब निराली माया, नरेश भगत और राहुल प थारी रहती छतर छाया, देवेंद्र भजन सुनाए जा, थारी जग में महिमा गाए जा, मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी, थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी ।।



एक मन कि बात बताऊ मै, थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै, मैंने रख लो अपने पास सतगुरु जी, थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी ।।

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