तर्ज – ये बंधन तो
बंद कर लू इन अंखियों में
कहीं जाने ना उसे दूंगा, जब दिल चाहे ये मेरा, जन्मों का संगम हैं, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं, जन्मों का संगम है ।।
मैं श्याम से मिला करूंगा, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन है,
तुम ही मेरी श्रद्धा हो, तेरी पूजा ही धरम है,
तेरी बताई राह पे चलना, मेरा तो करम है, जब जब दुनिया में आऊं, तेरी ही छाया पाऊं, तेरे चरणों में अपना, जीवन अर्पित कर जाऊं, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं, जन्मों का संगम है।
किन गलियों में ढूंदू तुझको, किस मोड़ पे तू मिलता है, किस पर्वत पे तू रहता है, ‘तू’ किन नदियों संग तू बहता है, तेरा पता तो मुझको बता दे, जरा दर्श तो अपना दिखा दे, कुछ कहना हो अगर तुझको, तो पलके तो झपका दे, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं, जन्मों का संगम है।
मेरे मन के मंदिर की है तू, सबसे प्यारी मूरत, चैन मुझे आता है, जब देखूं तेरी सूरत, मेरा श्याम है भोला भाला, वो मन का नहीं है काला, अंधियारे इस जीवन में, तूने प्रकाश है डाला,
ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं,जन्मों का संगम है ।।
बारिश की बूंदे जग देखे, यहां आंसू कौनो नाही, बहता पानी सब है पिए, जहां ठहरा कौनो नाही, खाली मैं हाथ हूँ आया, कर्मों की गठरी लाया, इसके बिना जीवन में, कुछ और ना है कमाया, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं, जन्मों का संगम है।
बंद कर लू इन अंखियों में, कहीं जाने ना उसे दूंगा, जब दिल चाहे ये मेरा, मैं श्याम से मिला करूंगा, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन है, जन्मों का संगम हैं, ये बंधन तो श्याम प्रेम बंधन हैं, जन्मों का संगम है।