तर्ज – तुझे ना देखूं तो चैन
मुझे जो देंगे मेरे श्याम, सर झुका कर मैं लूंगा, चाहे खुशियां दे या ग़म, मुस्कुरा कर मैं लूंगा, मुझे तो मेरा श्याम, देगा जो सही है, मुझे तो मेरा श्याम, देगा जो सही है ।।
जीवन मेरा तेरे ही हवाले रहे, मुझको यूँ सदा तू ही संभाले रहे, कैसे बाबा तेरा शुकराना करूँ, तेरे ही सहारे मैं गुज़ारा करूँ, गुज़ारा करूँ, हर पल यूँ ही तेरा, गुण गाकर मैं लूंगा, चाहे खुशियाँ दे या ग़म,मुस्कुरा कर मैं लूंगा,
देर ही सही पर होता भला, संकट के आगे मेरे बाबा खड़ा, जब जब देता करता हिसाब नहीं, तेरी कृपा का बाबा जवाब नहीं,
जवाब नहीं, तेरे आगे झोली को, फैला कर मैं लूंगा, चाहे खुशियाँ दे या ग़म, मुस्कुरा कर मैं लूंगा, मुझे तो मेरा श्याम, देगा जो सही है,
मुझे तो मेरा श्याम, देगा जो सही है ।।
चिंता ना अब कोई फिकर मुझे, पल पल की है मेरी खबर तुझे, झुमु नाचूं गाऊं मैं तो मौज करूँ, कृपा से ये तेरी मैं तो रोज़ करूँ, मैं रोज़ करूँ, ‘राखी’ संग बाबा को, रिझाकर मैं लूंगा, चाहे खुशियाँ दे या ग़म,मुस्कुरा कर मैं लूंगा,