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विविध भजन

Mach raho hahakar Aaj yaha prithwi pe,मच रहो हाहाकार आज यहा पृथ्वी पे,बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे

मच रहो हाहाकार आज यहा पृथ्वी पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे

मच रहो हाहाकार आज यहा पृथ्वी पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



तीन चरण सतयुग के बीते, जन्मो कलयुग हाय,
आज तेरी धरती पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



त्रेता में रावण को मारो, द्वापर में आय कंस पछाड़े,
आजा फिर से लेके अवतार आज यहा कलयुग में,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



पाप पुण्य में बहस छिड़ी है, पृथ्वी तुम्हारी बेबस खड़ी है,
रो रही भुजा पसार आज यहा पृथ्वी पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



पापी का तो मान बढ़ रहा, कलयुग भी एक दाव खेल रहा,
धर्म हुआ लाचार राम तेरी धरती पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



रिश्ते नाते हुए पराये मोह माया तो बढ़ती जाये,
तेरे भक्त गए अब हार राम तेरी धरती पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



भक्त तुम्हारे तुम्हे पुकारे आजाओ अब तारन हारे,
पूरा करो करार राम तेरी धरती पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..



हमने सुना है गीता में पढ़ा है जब जब पाप धरा पे बढ़ा है,
लेके आते हो अवतार राम तेरी धरती पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे…..

मच रहो हाहाकार आज यहा पृथ्वी पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे

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