तर्ज,है प्रीत जहां की रीत
हारे को मिलती जीत जहां दरवार में जिनके जाता हुं।दिल्ली का रहने वाला हूं तुम्हे श्याम की बात सुनाता हूं। जय जय जय जय,जय जय जय जय,जय जय जय जय,खाटू धाम।
कुछ और ना आता है मुझको,मुझे श्याम रिझाना आता है।जिसे पूज रही सारी दुनिया, उस श्याम से तुम्हे मिलाता हूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दिल्ली का रहने वाला हूं तुम्हे श्याम की बात सुनाता हूं। जय जय जय जय,जय जय जय जय,जय जय जय जय,खाटू धाम।
जीते हो किसीने युद्ध तो क्या बाबा ने कृष्ण को जीता है। जहां हार मिली ना एक को भी, हर प्राणी आकर जीता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दिल्ली का रहने वाला हूं तुम्हे श्याम की बात सुनाता हूं। जय जय जय जय,जय जय जय जय,जय जय जय जय,खाटू धाम।
कलयुग में मैंने जन्म लिया यह सोच के में इतराता हूं।बड़े नशीबों वाला हूं में हर ग्यारस खाटू जाता हूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दिल्ली का रहने वाला हूं तुम्हे श्याम की बात सुनाता हूं। जय जय जय जय,जय जय जय जय,जय जय जय जय,खाटू धाम।