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विविध भजन

Tum karo hari se pyar amrit barsega,तुम करो हरी से प्यार,अमृत बरसेगा,

तुम करो हरी से प्यार,
अमृत बरसेगा,

तुम करो हरी से प्यार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा, बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।



दया धर्म से प्रीत कर लो,
भव सागर से पार उतर लो,
हो जाए बेड़ा पार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।



सत्य ज्ञान का पहनो गहना,
कड़वा बोल कभी ना कहना,
करो आत्मउद्धार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।



प्रेम प्रभु से जो नहीं करता,
पड़ा नरक में फिर वो सड़ता,
लालच दे संसार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।



नाम प्रभु का अमृत प्याला,
पीले बनके क़िस्मत वाला,
मिले न बारम्बार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।



तुम करो हरि से प्यार,
अमृत बरसेगा,
बरसेगा, बरसेगा,
तुम करो प्रभु से प्यार,
अमृत बरसेगा।

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