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मीरा बाई भजन लिरिक्स

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मतवाली मीरा सत्संग करती डोले

मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

हाथ में लेकर इकतारा क्रिशन क्रिशन बोले।मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

छोड़ दिया उन्हें खाना पीना छोड़ दिया घर बार। भूल गई वह जग का झमेला भूली सब परिवार। कृष्ण जी के भजन बनावे झूम झूम कर डोले।

मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

कृष्ण जी के भजन सुनावे झूम झूम कर नाची।गुरु बना लिए रविदास जी उनके संग में राची।जातपात का भेद न समझे माला मनमे बोले।

मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

घर घर फिर भटकती डोले मिला न किरसन प्यारा।भक्ति का ये रोग जगत में सब रोगा ते न्यारा।जिसको भी ये रोग लगे बैरागां बनके डोले।

मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

श्याम सुंदर शर्मा उसके से लगन श्याम पावन की।जो भी उसके बोल सुने से अंदर के पट खोले।

मतवाली मीरा सत्संग करती डोले। दीवानी मीरा सत्संग करती डोले।

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