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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Guru ki mahima aprampar,गुरु की महिमा अपरंपार,guru bhajan

गुरु की महिमा अपरंपार।

गुरु की महिमा अपरंपार। गुरु शरण में जाकर बंदे देख ले तू एक बार।गुरु की महिमा अपरंपार।

गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता है। ज्ञान का द्वार नहीं खुलता है। जीवन सार नहीं मिलता है कहे पशु आधार। गुरु की महिमा अपरंपार।गुरु की महिमा अपरंपार।

गुरु की महिमा अजब निराली, सुखी डाल पर आए हरियाली गुरु वचन ना जाए खाली झूठा है संसार। गुरु की महिमा अपरंपार।गुरु की महिमा अपरंपार।

गुरु का सुमिरन करले बंदे। छोड़ के यह सब काले धंधे। काम करे तू इतने गंदे कैसे होए उद्धार।गुरु की महिमा अपरंपार।गुरु की महिमा अपरंपार।

लख चौरासी में भटकेगा। बनकर जीव अजीव सटकेगा। तू ही अकेला सर पटकेगा, फसे बीच मझधार।गुरु की महिमा अपरंपार।गुरु की महिमा अपरंपार।

गुरु की महिमा अपरंपार। गुरु शरण में जाकर बंदे देख ले तू एक बार।गुरु की महिमा अपरंपार।

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