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श्याम भजन लिरिक्स

Sara Jahan chalta tere hi isharo me,सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में,shyam bhajan

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में।

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में। छाया है नूर तेरा शशि भान और तारों में।

जीव करते हैं बसेरे दयालु आसरे तेरे। सभी नीत सांझ सवेरे तुम्हारे नाम को टेरे। मंदिर में मस्जिदों में गिरजा में गुरुद्वारों में।

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में। छाया है नूर तेरा शशि भान और तारों में।

कहीं पर थल कहीं पर जल, नियम से बंधे हुए पल पल। कभी मौसम गरम शीतल, कभी बरसात के बादल। पतझड़ तेरे हो गमों से, सभी गुल खिले बहारों में।

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में। छाया है नूर तेरा शशि भान और तारों में।

पक्षियों की छटाओं में उड़ेले रंग भर भर कर। रंग फूलों में भी है पर, निराला तू है कारीगर। कलियां बनाए कोमल तीखी चुभन है खारों में।

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में। छाया है नूर तेरा शशि भान और तारों में।

तुम ही एक पालनहारा है गरीबों का सहारा है। अजामिल को उबारा है, सहजन पापी को तारा है। गज सिंह भी है दाता ऐसे ही गुनहगारों में।

सारा जहान चलता तेरे ही इशारों में। छाया है नूर तेरा शशि भान और तारों में।

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