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विविध भजन

Mujhe kon janta tha teri bandagi se pahle,मुझे कौन जानता था,तेरी बंदगी से पहले,

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,

मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

मैं तो खाख था जरा सी,
मेरी और क्या थी हस्ती,
मैं थपेड़े खा रहा था,
तूफ़ान में जैसे कश्ती,
दर दर भटक रहा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



मैं था इस तरह जहां में,
जैसे खाली सीप होती,
मेरी बढ़ गई है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मेरा कौन आसरा था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



है जहां में मेरे लाखो,
पर तेरे जैसा कौन होगा,
जैसा तू बन्दा पल्वर,
भला एसा कौन होगा,
मैं तुझे ही ढूंडता हूँ,
तेरी बंदगी से पहले ॥



मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



तू जो मेहरबान हुआ है,
तो जहां भी मेहरबान है,
ये ज़मीन मेहरबान है,
आसमान भी मेहरबान है,
ना ये गीत ये बला था,
तेरी बंदगी से पहले ॥



मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी बंदगी से पहले ॥

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