जय जय श्याम, जय श्री श्याम,
पावन धाम, खाटू धाम।
मेलो आयो है, मेलो आयो है,
फागण में खाटू भगता को,
रेलों आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।
रंगीलो को फागण आयो,
श्याम को न्योता आयो,
भक्ता की टोली आवे,
धजा भी संग ले जावे,
जयकारो म्हारे श्याम धणी को,
खूब गुंजायो है।
श्याम को मेलो आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।
भगत सब नाचे गावे,
मस्ती में रंग उड़ावे,
दरस पाकर बाबा का,
सेवकिया मौज उड़ावे,
भगता पर म्हारे श्याम धणी को,
जादू छायो है,
श्याम को मेलो आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।
सजी है नगरिया,
लगे है आज दुल्हनिया,
भगत सब बणया बाराती,
बणया दूल्हा साँवरिया,
केसर चंदन तिलक लगा,
बैठ्यो मुस्कायो है,
श्याम को मेलो आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।
कोई तो ढोल मजीरा,
और कोई चंग बजावै,
कोई पग बाँध के घुंघरू,
नाच के श्याम रिझावै,
फागण के मेला में खूब यो,
रंग जमायो है,
श्याम को मेलो आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।
जो भी फागण में आवे,
मुरादा मन की पावै,
दोन्यू हाथ सूं भर भर,
साँवरा माल लुटावे,
पूरा होसी काम अमन जो,
सोच के आयो है,
श्याम को मेलो आयो है,
श्याम को मेलो आयो है,
फागण में खाटू भगता को,
रेलों आयो है,
श्याम को मेलो आयो है।