थारा बंगला में परदेसी, डटगो कोनी, डटेगो कोनी रे, रुकेगो कोनी ।।
या बंगला में दस दरवाजा, बीच पवन का खंभा, आवत जावत कुछ नहीं दिखे, दीख्या बडा अचम्भा, थारा बंगला मे परदेसी, डटगो कोनी ।।
राग छत्तीसों गावे, थारा बंगला मे परदेसी, डटगो कोनी ।।
कहे मछंदर सुणो जती गोरख, ज्याने बंगला गाया, इस बंगला को गाने वाला, फेर जनम नहीं पाया, थारा बंगला मे परदेसी, डटगो कोनी ।।
थारा बंगला मे परदेसी, डटगो कोनी, डटेगो कोनी रे, रुकेगो कोनी।।