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विविध भजन

Koi kahiyo re prabhu aawan ki,कोई कहियो रे प्रभु आवन की,आवन की मन भावन की

कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मन भावन की

कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मन भावन की
कोई कहियो रे हरि आवन की

आप न आवे पाती ना बेजे,
वान करे ललचावन की
आवन की मन भावन की
कोई कहियो रे हरि आवन की
आवन की मन भावन की२
कोई कहियो रे हरि आवन की

ये दो नैन कह्यो नही माने
नदिया बहे जैसे सावन की
आवन की मन भावन की
कोई कहियो रे हरि आवन की२
आवन की मन भावन की२
कोई कहियो रे हरि आवन की

काम करो कछू वस् नही मेरो
पंख नही उड़ जावन की
आवन की मन भावन की२
कोई कहियो रे हरि आवन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

मीरा के प्रभु गिरधर नागर
दास भई तेरे चरनन की
आवन की मन भावन की२
कोई कहियो रे हरि आवन की
कोई कहियो रे प्रभु आवन की

कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मन भावन की
कोई कहियो रे हरि आवन की

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