इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
जो सबको दूध पिलाती है, उसका ही खून बहाया,
धिक्कार है उसको जिसने माँ का, माँस नौचकर खाया,
जो सबको जीवन देती है, उसका ही वध कर डाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
अब गली गली में फैल रहें गऊँ माता के हत्यारें,
हे कान्हाँ कान लगाकर सुन लो , माता तुम्हे पुकारे,
प्रभु आप बिना इस करुण स्वर को , कौन है सुनने वाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
है नंद बाबा की आन तुम्हे, सौगन्ध यशोदा माँ की,
परित्राण करो गौधन का फिर से, सजो मनोहर झाँकी,
गऊँ हत्यारोँ का दमन करो, या दे दो देश निकाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
श्री गीता में जो वचन दिया है , उसको आज निभाओं,
अब बँशी तोड़ो रास भी छोड़ों, हाथ में चक्र उठाओं,
प्रभु हाथ में चक्र उठाओं,
वरना ना रहेगा प्रभु तुमको, कोई भजने वाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,
इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला,