तर्ज,चूड़ी जो खनके
किसने रचाई मेहंदी हाथों में,
तेरा किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे।
लाल लाल तेरी चुनरिया लाल लाल तेरी मोली है
लाल-लाल खनके चूड़ियां लाल कसुमल मोली है
किसने लगाया काजल आंखों में
तेरा किसने किया सिंगार,दरबार प्यारा लागे रे।
किसने रचाई मेहंदी हाथों में,
तेरा किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे।
रंग बिरंगे फूलों से किसने तुझे सजाया है
महक उठा दरबार तेरा किसने इत्र लगाया है
किसने पहनाई पायल पांव में
तेरा किसने किया सिंगार,दरबार प्यारा लागे रे।
किसने रचाई मेहंदी हाथों में,
तेरा किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे।
श्याम तेरे भगतो ने मां सुंदर खूब सजाया है
रोली मोली लाल चूड़ा गजरा तुझे बनाया है
नजर उतारो जरा साथ में
तेरा किसने किया श्रृंगार,दरबार प्यारा लागे रे।
किसने रचाई मेहंदी हाथों में,
तेरा किसने किया सिंगार दरबार प्यारा लागे रे।