जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे….
मुतियन चौक में द्वारे पुराऊं,
मल मल आसन सजाये दइयों रे,
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे…
गंगा जल से चरण पखारुं,
चरणन फूल चढ़ाए दइयों रे,
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे…
कंचन थार कपूर की बाती,
मैया की आरती उतार दइयों रे,
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे….
हलुआ पूरी खीर बताशा,
मैया को भोग लगाएं दइयों रे,
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे….
पान सुपाड़ी ध्वजा नारियल,
“राजेंद्र” भेंट चढ़ाए दइयों रे,
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे….
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Jagdamba hamre ghar me padhar Rahi re,जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे,durga bhajan
जगदम्बा हमरे घर में पधार रहीं रे….