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Hardam aawe thari yaad shyam kirtan me,हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में

हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में।



तर्ज, सज रहे भोले बाबा

हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में।



पीळी पगड़ी धोळो चोलो, धोती चूनड़ वाळी, श्याम भजन मं ठुमक ठुमक, लेता मस्ती मतवाळी। करता था औं सं सारी बात, श्याम कीर्तन मंहरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में।



बाळक बूढो नर और नारी, सें की बातां सुणता, जो भी होतो बैं को संकट, श्याम धणी सं कहता, औं की भी बिपदा काट, श्याम कीर्तन मं ।।हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में।

कोई-कोई अरदास इसी थी, ताबे यो न आतो, लाग्या रै’ता भजनां मांई, जद तांई न सुणतो, सुमीरण का था ठाट, श्याम कीर्तन मं ।।हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में।



भजनां री मस्ती बाबाजी, जो थांरै संग लेली, लाख चेष्टा करणै पर भी, सुरतां फिरै अकेली, मिलवाद्यो म्हारा तार, श्याम कीर्तन मं ।।
हरदम आवे थारी याद, श्याम कीर्तन में ।।

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