तर्ज – समझौता गमो से करलो
दिल ना तुम किसी का तोड़ो, दिल टुटा तो मंदिर टूटेगा, दिल में है भगवान का डेरा। दिल टुटा तो रब ये रूठेगा, दिल ना तुम किसी का तोडो, दिल ना तुम किसी का तोडो।।
दिल है प्यारे कांच का टुकड़ा, ठेंस लगी तो टूट के बिखरा, प्यार भरे सीने में ठेंस कभी ना लागे, दिल ना तुम किसी का तोडो, दिल ना तुम किसी का तोडो।।
होंठ हँसे तो मन खिल जाए, मुख मंडल पर खुशियां छाए, दूजे के होंठों की हंसी कभी ना छीनो, दिल ना तुम किसी का तोडो,
दिल ना तुम किसी का तोडो।।
दिल हँसे तो भगवान भी हँसता, दिल रोए तो कहर बरसता, हंसने दो हर दिल को रोने कभी ना देना, दिल ना तुम किसी का तोडो, दिल ना तुम किसी का तोडो।।
गिरता मंदिर बन जाएगा, टुटा दिल ना जुड़ पाएगा, ‘हर्ष’ कहे नफरत के बीज कभी ना डालो,दिल ना तुम किसी का तोडो, दिल ना तुम किसी का तोडो।।
दिल ना तुम किसी का तोड़ो, दिल टुटा तो मंदिर टूटेगा, दिल में है भगवान का डेरा, दिल टुटा तो रब ये रूठेगा, दिल ना तुम किसी का तोडो, दिल ना तुम किसी का तोडो।।