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विविध भजन

Aayo ri najar chanda choth ko,आयो री नज़र चंदा चौथ को,

आयो री नज़र चंदा चौथ को,

आयो री नज़र चंदा चौथ को,

दोहा – गोरी आओ आंगणे, कर सोलह सिणगार, पूजो माता चौथ ने, चाँद चढ्यो गिगिनार ।

पूजा रो थाल सजाओ, आओ आंगणिये आओ, पूजा रो थाल सजाओ, आओ आंगणिये आओ, ओ म्हारी गौरड़ी ये आयो, आयो री नज़र चंदा चौथ को। म्हारी गौरड़ी पूर्ण करल्यो, ये व्रत माता चौथ को।

चाँदी सो चमके, चाँद सुहागां वालो हो, हरसे सुहागन, रूप निरालो रे, तुम घी के दीप जलाओ,आओ आंगणिये आओ, ओ म्हारी गौरड़ी ये आयो। आयो री नज़र चंदा चौथ को, म्हारी गौरड़ी पूर्ण करल्यो, ये व्रत माता चौथ को ।



चाँदी सो चमके, चाँद सुहागां वालो हो, हरसे सुहागन, रूप निरालो रे, तुम घी के दीप जलाओ, कुमकुम रो तिलक लगाओ, ओ म्हारी गौरड़ी ये आयो, आयों री नज़र चंदा चौथ को, म्हारी गौरड़ी पूर्ण करल्यो, ये व्रत माता चौथ को ।।

संग सहेल्याँ लेवो, दोराणी जठ्याणी, ओ धरल्यो ये करवा गौरी, सुण ल्यो कहानी, गाओ जी मंगल गाओ, थे निर्मल नीर चढ़ाओ, ओ म्हारी गौरड़ी ये आयो, आयों री नज़र चंदा चौथ को, म्हारी गौरड़ी पूर्ण करल्यो, ये व्रत माता चौथ को ।।

पूजा रो थाल सजाओ, आओ आंगणिये आओ, पूजा रो थाल सजाओ, आओ आंगणिये आओ, ओ म्हारी गौरड़ी ये आयो, आयों री नज़र चंदा चौथ को, म्हारी गौरड़ी पूर्ण करल्यो, ये व्रत माता चौथ को ।।

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