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विविध भजन

Jau kaha taji charan tumhare,जाऊं कहाँ तजि चरण तुम्हारे,

जाऊं कहाँ तजि चरण तुम्हारे,

जाऊं कहाँ तजि चरण तुम्हारे, चरण तुम्हारे, चरण तुम्हारे, चरण तुम्हारे, जाऊँ कहाँ तजि चरण तुम्हारे ।।



काको नाम पतित पावन जग, केहि अति दीन पियारे। कौन देव बराइ बिरद हित, हठि हठि अधम उधारे। जाऊँ कहाँ तजि चरण तुम्हारे।



खग, मृग, व्याध, पषान, विटप जड़, जवन कवन सुर तारे। देव, दनुज, मुनि, नाग, मनुज सब, माया विवश विचारे। जाऊँ कहाँ तजि चरण तुम्हारे।

तिनके हाथ दास तुलसी प्रभु, कहाँ अपन हो हारे। तिनके हाथ दास तुलसी प्रभु, कहाँ अपन हो हारे। जाऊँ कहाँ तजि चरण तुम्हारे।

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