राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई। भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।
बलपणा में धुर जी भजिया, छोटी सी दाई। सारा में सरदार के हिजया, बेकूटों माही। राम ने भजलों रे भाई,
कुबद ने छोड़ो रे भाई, लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ॥राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई। भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।
हिरणाकुश प्रह्लाद ने बरज्यो, राजा अन्यायी। खम्भ फाड़ साँवरियों प्रगटियों, भगता के ताही। राम ने भजलों रे भाई, कुबद ने छोड़ो रे भाई। लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।।
राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई। भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।
पदमा ने मोरियों परणायो, पाँच पंचो माही। मोरियों जाय वनी में मरगयो, पदमा कुरलाई । राम ने भजलों रे भाई, कुबद ने छोड़ो रे भाई। लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई।
राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई। भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।
गंगा जी ने भगीरथ लायो, कुल तारण ताही। गंगा जी री लावणी ने, सेन भगत गाई । राम ने भजलों रे भाई, कुबद ने छोड़ो रे भाई। लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।।
राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई, भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।।